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रांची मंडल रांची का संक्षिप्त इतिहास

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के रांची मंडल की स्थापना सन 2003 ई. में पटना मंडल के रांची उपमंडल को अलग कर की गई थी । पटना मंडल के अंतर्गत आने वाले वे स्मारक एवं पुरास्थल जो तत्कालीन नवोदित झारखंड राज्य के क्षेत्र में पड़ते थे वे सभी स्वाभाविक रुप से रांची मंडल में आ गये । इस समय रांची मंडल के अंतर्गत राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों/स्थलों की कुल संख्यां 13 है ।

ASI हमारा दृष्टिकोण

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संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण देश के पुरातात्विक शोध एवं सांस्कृतिक विरासत की रक्षा को समर्पित एक अग्रणी संगठन है । राष्ट्रीय महत्व के प्राचीन स्मारकों व पुरातात्विक स्थलों एवं ध्वंशावशेषों का रखरखाव व देखभाल इस संगठन का मुख्य कार्य है । इसके अतिरिक्त यह प्राचीन संस्मारक एवं पुरातात्विक स्थल व ध्वंसावशेष अधिनियम 1958 के अनुसार देश में हो रही सभी तरह के पुरातात्विक गतिविधियों को संचालित एवं नियंत्रित करता है साथ ही यह संगठन पुरावशेष एवं बहुमूल्य कलाकृति अधिनियम 1972 के प्रावधान को भी विनियमित करता है ।
प्राचीन संस्मारक एवं पुरातत्विक स्थल व ध्वंसावशेष के नियमित देखभाल एवं रखरखाव हेतु संपूर्ण देश को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 29 मंडल / अंचलों/वलयों में विभाजित किया है । रांची मंडल उनमें से एक है जो संपूर्ण झारखंड में स्थित राष्ट्रीय संरक्षित स्मारकों /स्थलों का रखखाव करता है साथ ही संपूर्ण झारखंड में पुरातात्विक अन्वेषण शोध को संचालित करता है । इस मंडल का गठन अप्रैल 2003 में किया गया था । वर्त्तमान समय में रांची मंडल के अंतर्गत कुल 13 राष्ट्रीय संरक्षित स्मारक /पुरास्थल है जिनकी देखभाल एवं रखखाव प्राचीन संस्मारक एवं पुरातत्वीय स्थल व ध्वंसावशेष अधिनियम 1958 एंव नियम 1959 के प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है ।